Class 11 Economics CBSE Notes chapter 3 Statistical Tools and Interpretation ( 3 . केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप ) in hindi Medium 2019 , 2020 latest
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इकाई - 3
( क ) केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप
● केन्द्रीय प्रवृत्ति वह एकक संख्यात्मक मूल्य है जो आंकड़ों के पूरे समूह का प्रतिनिधित्व करता है ।
● समान्तर माध्य - किसी श्रृंखला के सभी मूल्यों के योग को उसकी संख्या से भाग देने पर प्राप्त संख्या समांतर माध्य कहलाती है ।
● समान्तर माध्य के प्रकार
क ) सामान्य अथवा सरल समांतर माध्य - सभी पदों को समान महत्व देते हुए जो समान्तर माध्य प्राप्त होता है उसे सरल समांतर माध्य कहते हैं ।
ख ) भारित माध्य - यदि श्रृंखला के सभी मदों को उनके महत्व के अनुसार भार देते हुए जब माध्य ज्ञात करते हैं , उसे भारित माध्य कहते हैं ।
● माध्यिका - वह मूल्य जो श्रेणी को दो बराबर भाग में बाँटता हो उसे माध्यिका कहते हैं । इसे द्वितीय चतुर्थक भी कहते हैं ।
● चतुर्थक - वह मूल्य जो श्रेणी को चार भागों में विभाजित करे उसे चतुर्थक कहते हैं ।
प्रथम या निम्न चतुर्थक → 01
द्वितीय या मध्यम चतुर्थक → Q2 → ( मध्यका )
तृतीय या उच्च चतुर्थक → Q3
● माध्यिका के गुण एवं दोष -
गुण :- 1 . गणना में सरल
2 . सभी मूल्यों पर आधारित
3 . समांतर माध्य का मान निश्चित
4 . आँकड़ों को व्यवस्थित करने की आवश्यकता नहीं
दोष :- 1 . आँकड़ों को व्यवस्थित करना पड़ता है ।
2 . सभी मूल्यों पर आधारित नही है ।
3 . जब आवृत्तियाँ अनियमित हो तब माध्यिका श्रेणी का प्रतिनिधित्व नही करता है ।
4 . बीजगणितीय उपयोग संभव नहीं
बहुलक = 3 ( माध्यिका ) - 2 ( माध्य ) |
माध्यिका ज्ञात करने की ग्राफीय विधि
विधि - 1 से कम से अधिक विधि - सबसे पहले श्रेणी को " से कम ' या ' से अधिक वितरण में बदला जाता है । उसके बाद आँकड़ों को ग्राफ में प्रदर्शित करते हैं । श्रृंखला की N / 2वां पद निर्धारित करके , X अक्ष पर लम्ब डाला जाता है उसके बाद माध्यिका ज्ञात कर सकते हैं
विधि - 2 से कम तथा से अधिक विधि – एक ही ग्राफ पर ' से कम ' एवं ' से अधिक दोनो ओजाइव खीच कर दोनो वक्र जहाँ पर एक दूसरे को काटते हैं उस बिन्दु से x अक्ष पर लम्ब डालते हैं x अक्ष पर जहाँ लम्ब गिरता है उस मूल्य को माध्यिका कहते हैं ।
बहुलक - श्रृंखला को आयत चित्र में प्रस्तुत करते हैं उसके बाद सबसे ऊँचे आयत वर्ग को बहुलक वर्ग कहते हैं । बहुलक वर्ग के एक कोने को दूसरे आयत वर्ग के किनारे से मिलाते हैं बहुलक वर्ग के दुसरे कोने को सामने वाले आयत वर्ग से मिलाते हैं ये दोनो रेखाएं जहाँ भी एक दूसरे को काटते है वहां से x अक्ष पर लम्ब डाला जाता है लम्ब बिन्दु को बहुलक कहते हैं।