10 Class Science Notes in hindi chapter 1 Chemical Reactions and Equations अध्याय - 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
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Class 10th Science chapter 1 Chemical Reactions and Equations Notes in Hindi
📚 अध्याय - 1 📚
👉 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 👈
🔷 रासायनिक अभिक्रिया :-
🔹 ऐसे परिवर्तन जिसमें नए गुणों वाले पदार्थों का निर्माण होता है , उसे रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं ।
🔷 अभिकारक :-
🔹 ऐसे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में हिस्सा लेते हैं उन्हें अभिकारक कहते हैं ।
🔷 उत्पाद :-
🔹 ऐसे पदार्थ जिनका निर्माण रासायनिक अभिक्रिया में होता है , उन्हें उत्पाद कहते हैं ।
🔷 उदाहरण :-
( i ) भोजन का पाचन
( ii ) श्वसन
( iii ) लोहे पर जंग लगना
( iv ) मैग्नीशियम फीते का जलना
( v ) दही का बनना
🔷 रासायनिक अभिक्रिया के प्रेक्षण :-
🔹 अवस्था में परिवर्तन
🔹 रंग में परिवर्तन
🔹तापमान में परिवर्तन
🔹गैस का उत्सर्जन
🔷 रासायनिक परिवर्तन को प्रदर्षित करना :-
🔷 रासायनिक समीकरण :-
🔹 रासायनिक अभिक्रिया , रासायनिक समीकरण द्वारा निरूपित की जाती हैं । रासायनिक समीकरण में तत्वों के प्रतीक या अभिकारक और उत्पादों के रासयनिक सूत्र उनकी भौतिक अवस्था के साथ लिखे जाते हैं ।
रासायनिक अभिक्रिया में आवश्यक परिस्थितियाँ जैसे - ताप , दाब , उत्प्रेरक आदि को तीर के निशान के उपर या नीचे दर्शाया जाता है ।
🔷 रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करना :-
🔹 द्रव्यमान संरक्षण का नियम - किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश । रासयनिक अभिक्रिया के पहले ( अभिकारक ) एवं उसके पश्चात ( उत्पाद ) प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होनी चाहिए ।
🔷 चरणबद्ध संतुलित करना ( Hit and Trial Method )
👉 चरण 1 :- रासायनिक समीकरण लिखकर , प्रत्येक सूत्र के चारों ओर बॉक्स बना लीजिए ।
संतुलित करते समय बॉक्स के अन्दर कुछ भी परिवर्तन नहीं कीजिए ।
👉 चरण 2 :- समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या नोट कीजिए ।
👉 चरण 3 :- सबसे अधिक परमाणु वाले तत्व को अभिकारक या उत्पाद की साइड अनुचित गुणांक लगाकर संतुलित कीजिए ।
👉 चरण 4 :- सभी तत्वों के परमाणुओं को चरण 3 की भांति संतुलित कीजिए ।
सभी तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के दोनों ओर समान है ।
👉 चरण 5 :- अभिकारकों एवं उत्पादों की भौतिक अवस्था लिखना
ठोस- ( s )
द्रव- ( l ) गैसीय
अवस्था - ( g )
जलीय विलयन - ( aq )
3Fe ( s ) + 4H , O ( g ) → FeO , + 4H ( 9 )
👉 चरण 6 :- कुछ आवश्यक परिस्थितियाँ जैसे - ताप , दाब या उत्प्रेरक आदि को भी तीर के निशान के ऊपर या नीचे लिखें ।
🔷 रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार :-
✳️ I. संयोजनअभिक्रिया :-
🔹 इस अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद बनाते हैं ।
A + B → C
🔹 उदाहरण :
( i ) कोयले का दहन
C( s ) +0₂( g ) → CO₂( g)
( ii ) जल का निर्माण
2H₂( g ) +0₂( g ) + 2H₂0 ( l )
( iii ) CaO( s ) + H₂O ( l ) → Ca(OH₂) , ( aq )
( बिना बुझा चूना ) ( बुझा हुआ चूना )
✳️ उष्माक्षेपी अभिक्रिया :-
🔹 जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ - साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होता है ।
( i ) प्राकृतिक गैस का दहन
CH₄( g ) +0₂( g ) → CO₂( g ) + 2H₂O( g ) + ऊष्मा
( ii ) श्वसन एक उष्माक्षेपी अभिक्रिया है ।
C₆H₁₂0₆( aq ) + 60₂( g ) → 6C0₂( aq ) + 6H₂0 + ऊष्मा
✳️ II . वियोजन अभिक्रिया :-
🔹 इस अभिक्रिया में एकल अभिकारक टूट कर दो या उससे अधिक उत्पाद बनते हैं ।
A → B + C
( i ) ऊष्मीय वियोजन :- ऊष्मा द्वारा किया गया वियोजन ।
✳️ उष्माशोषी अभिक्रिया :-
🔹 जिन अभिक्रियाओं में अभिकारकों को तोड़ने के लिए ऊष्मा , प्रकाश या विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है ।
✳️ III . विस्थापन अभिक्रिया :-
🔹 इन अभिक्रियाओं में अधिक क्रियाशील तत्व कम क्रियाशील तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है ।
Fe(s)+CuSO4(aq) → FeSO4(aq)+Cu(s)
लोहे की कील पर भूरे रंग की कॉपर की परत जम गई । Cuso4 के नीले विलयन का रंग हरा Feso4 के निर्माण के कारण हो गया ।
Zn + Cuso4 → ZnSO4 + Cu
जिंक कॉपर से अधिक क्रियाशील तत्व हैं ।
✳️ IV . द्विविस्थापन अभिक्रिया :-
🔹इस अभिक्रिया में उत्पादों का निर्माण , दो यौगिकों के बीच आयनों के आदान प्रदान से होता है ।
( i ) Na₂so₂ (aq) + BaCl₂ ( aq ) → BaSO₄(s) + 2Nacl
( सोडियम सलफेट ) ( बेरियम क्लोराइड ) ( बेरियम सलफेट ) ( सोडियम क्लोराइड )
बेरियम सल्फेट ( Baso₄ ) के सफेद अविलेय अवक्षेप का निर्माण होता है । इसीलिए इस अभिक्रिया को अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहते हैं ।
✳️ V. उपचयन एवं अपचयन :-
✳️ उपचयन :-
( i ) जब किसी पदार्थ में आक्सीजन की वृद्धि होती है ।
( ii ) जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन का ह्रास होता है ।
किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि अथवा हाइड्रोजन का ह्रास होता है अथवा दोनों हो तो इसे उपचयन ( oxidation ) कहते हैं ।
C + 0₂→ CO₂
2Cu + 0₂→CuO
इस अभिक्रिया में कॉपर आक्साइड कॉपर में अपचयित हो जाता है । हाइड्रोजन उपचयित होकर जल बनता है । इस अभिक्रिया में उउपचयन तथा उपचयन दोनों हो रहे है , इसे रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं ।
✳️ दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं का प्रभाव :-
🔹 ( i ) संक्षारण : जब कोई धातु , ऑक्सीजन आर्द्रता , अम्ल आदि के सम्पर्क में आती है , जिससे धातु की उपरी पर्त कमजोर सक्षारित हो जाता है ।
🔹 लोहे की वस्तुओं पर जंग लगना , चाँदी के ऊपर काली पर्त व ताँबे के ऊपर हरी पर्त चढ़ना संक्षारण के उदाहरण हैं ।
🔹 यशदलेपन , विद्युत लेपन और पेन्ट करके संक्षारण से धातुओं को बचाया जा सकता है ।
🔹 ( ii ) विकृतगंधिता : वसायुक्त और तैलीय खाद्यसामग्री , वायु के सम्पर्क में आने पर उपचयित हो जाते हैं जिससे उनके स्वाद और गंध में परिवर्तन हो जाता है इसे विकृतगंधिता कहते हैं ।
✳️ विकृतगंधिता रोकने के उपाय :
🔹 प्रति ऑक्सीकारक का उपयोग करके
🔹 वायुरोधी बर्तन में खाद्य सामग्री रखकर
🔹 वायु के स्थान पर नाइट्रोजन गैस द्वारा
🔹 शीतलन द्वारा